लेखनी कहानी - खून की प्यास - डरावनी कहानियाँ
खून की प्यास - डरावनी कहानियाँ
छत्तीसगढ़ राज्य के बिलासपुर ग्राम के निकट जांजगीर इलाके में आज भी खून की प्यासी डायनों का बसेरा है। स्थानीय लोगो का मानना है कि यहां रात में गुजरने वाले राहगीरों को डायन पहले तो अपने वश में करती है और बाद में उस इंसान का खून पीकर स्वय को अमर रखने का प्रयास करती हैं। कहा जाता है कि यह इलाका डायन का है।
यहां इंसान का कदम रखना खतरे से खाली नहीं है। और अगर आप कैसे भी गए तो किसी तरह की चूक आपके लिए काफी नुकसानदेह साबित हो सकती है। अगर आपको यकीन न हो तो यहां पर अभिशप्त पेड़ों में कील गाड़ कर खुद देख लीजिए, यकीनन आप लोगो का मौत से सामना हो जाएगा। आप लोगो को भले ही यह अंधविश्वास लगे, मगर इस भूतिया गांव का तो यही दस्तूर है। इस भूतिया गांव को पूरे सूबे में अभिशप्त माना जाता है।
यहां एक-दो नहीं, बल्कि सारे इलाके में डायनों का बसेरा जमा है। बिलासपुर के निकट इस छोटे से इलाके जांजगीर में डायनों की अब पूरी टोली विधमान है। ऐसा माना जाता है कि पहले यहां एक डायन रहती थी, लेकिन डायन ने गांव की ही कुछ लड़कियों की आत्मा को वश में करके उनको अपने साथ मिला लिया। आज वही लड़कियां इन डायनों के साथ मिलकर खुद को अमर रखने की कोशिश करती है।ये गांव वही है वो जगह जहां वास्तविकता में यहा पुरुषों के रात को निकलने पर प्रतिबंध है। कब किस जगह पर डायन उन्हें अपने वश में कर लेगी कोई नहीं जानता। अभी तक यहा पर कुल 38 ऐसे मामले हैं जिनमें पुरुष लापता हो गए , लेकिन उनका अभी तक कोई पता नहीं लगा। यही माना जाता है कि डायन उन पुरुषो को निगल गई।जांजगीर में पेड़ों को काटने पर भी प्रतिबंध है। यहां पेड़ों के उपर डायनों के रहने की बात बताई जाती है। एक बार एक पेड़ काटने पर गांव के एक इन्सान की मौत हो गई थी। तब से ही माना जाता है कि डायन का पेड़ काटने पर ही उसकी मौत हुई।
यहां पर एक टूटी हवेली नूमा छोटी सी कोटरी है। जिसमें कोई भी नहीं आता जाता। माना जाता है कि इस अंधेरी कोठरी में जो भी गया वो वापस नहीं लौटा। 7 लोगों की मौत की गवाह इस भूतिया कोठरी को यहां के प्रशासन ने भी सील किया हुआ है।डायनों को अपने वश में करने के लिए यहा कई तांत्रिकों ने अपनी पूरी शक्ति लगा दी। लेकिन इस बीच एक दो तांत्रिकों को भी मौत का सामना करना पड़ा। जिसके बाद तांत्रिक भी यहां की डायनों को अपने वश में करने से घबराने लगे। कहा जाता है कि गांव में हर अमवस्या और पूर्णिमा की रात को कोई नहीं रहता। हालांकि यह काफी पुरानी बात है। अब लोग अपने घरों को अच्छे से बंद कर वहीं रहते हैं।
गांव के कुछ लोगों ने यह अनुभव किया है कि अक्सर रास्ते में चलते वक्त उन्हें अजीबोगरीब आवाजें सुनाई देती है, लेकिन पीछे मुड़ने पर कोई नहीं होता। गांव के सुधाकर नाम के व्यक्ति ने तो अपनी बाइक पर एक डायन को लिफ्ट तक दी थी। काफी लंबा रास्ता तय करने के बाद उसे अहसास हुआ कि पीछे कोई बैठा ही नहीं था जांजगीर के लोगो का मानना है कि यहां कई साल पहले एक खूबसूरत महिला के साथ गांव के कुछ शराबी लोगों ने बलात्कार किया उसे बंदी बनाकर रख दिया और बाद में उसकी उस महिला की बेरहमी से हत्या कर दी। इसके बाद वही डायन बनकर यहाँ अपना बदला पूरा करती है।